Class 12 Hindi 2024-25 sample paper

                  Hindi sample paper 


                खंड ‘अ' वस्तुपरक प्रश्न (40 अंक)


अपठित गद्यांश

1 . निम्नलिखित गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़िए।  (1x10-10)

आधुनिक समाज में मनुष्य की सोच नपूर्वक पढ़िए है। सीमित हो गई है। नैतिकता सिर्फ दूसरों को उपदेश देने की मानवा कर रह गई है। आज मनुष्य से मना की सोच सिर्फ स्वयं तक ही सीमित हो गई है। नैतिका सहारा लेता है। दैनिक जीवन में मानवीय व्यवहार के अंतर्गत एक अत्यधिक मे लाभ पहुँबाने के लिए सभी प्रकार के चलनजिक व्यवस्था एवं मानवीय संबंध निर्वाध रूप से निरंतर प्रगतिशील रह सकें, लेकिनवपूर्ण गुण सत्य बोलने संबंधी है, जिससे साले राजा हरिश्चंद्र के अतुलनीय त्याग की कल्पना करना भी अब दुर्लभ है, वैसा बोलेकिन एक समय अपनी सत्यवादिता को निभाने गार्माताओं ने सामाजिक मूल्यों में सत्य बोलने को इतना महत्त्व इसलिए प्रदान किया, ताकि मनुष्य अतः यो असमय है। हमारे मनुष्यों के साथ छल-कपट न कर सके, समाज के अन्य सदस्य यथार्थ से वंचित एवं प्रमक ताकि मनुष्य अंतःक्रिया करने वाले दूसरे मनुष्यो कल सुचारु ढंग से परिचालित करने में सहायक है, बल्कि इन सामाजिक मूल्यों के माध्यम से समाज अपने सदस्यों को त्याग करने एवं परहित को ध्यान में रखने की भी सीख देता है। यह सामाजिक मूल्यों को और उच्च स्तरीय बनाने एवं गारिमा प्रदान करने का भी कार्य करता है। कहा जा सकता है कि सत्य बोलना एक कुंजी अर्थात् आधारभूत सामाजिक मूल्य है, जिससे अन्य सामाजिक मूल्य अंतर्संबंधित हैं।

इसके ठीक विपरीत झूठ बोलना सबसे बड़ा व्यक्तिगत एवं सामाजिक दुर्गुण है। झूठ बोलना एक प्रकार की चोरी है, जिसमें किसी की दृष्टि से तथ्यों को छिपाया जाता है। यह लोगों को न केवल वास्तविकता से दूर रखता है, बल्कि भावी परिणाम के प्रति भी सतर्क होने से वंचित करता है, जिसके परिणामस्वरूप व्यापक स्तर पर समाज एवं दूसरे सदस्यों को क्षति होती है। यह व्यक्ति एवं सामाजिक दोनों स्तरों पर अत्यधिक नुकसानदायक एवं कष्टदायी होता है। यह सामाजिक स्तर पर किया जाने वाला सर्वाधिक नकारात्मक व्यवहार है, क्योंकि इसका प्रभाव वर्तमान के साथ-साथ भविष्य पर भी अत्यंत गंभीर रूप से पड़ता है। झूठ बोलने के कारण व्यक्ति कभी भी वास्तविकता से परिचित नहीं हो पाता, परिणामस्वरूप वह न तो उसे परिवर्तित करने के लिए कोई प्रयास कर पाता है और न ही संभावित दुष्परिणामों के प्रति सतर्क हो पाता है।

इसलिए कहा गया है कि झूठ बोलने से बड़ा कोई पाप नहीं है। 'पाप' इस अर्थ में कि यह हमें दिग्भ्रमित करके वांछित कर्तव्यों से वंचित रखता है। झूठ या असत्य कथन ही बुराइयों की जड़ है। दुनिया में आने वाले किसी बच्चे द्वारा सबसे पहला गलत कार्य झूठ बोलना ही है और यहीं से उसमें भावी अनैतिकताओं एवं अपराधों की नींव पड़ती है, इसलिए कहा जाता है कि झूठ बोलना सभी पापों का मूल है।


निम्नलिखित में से निर्देशानुसार विकल्पों का चयन कीजिए

(क) वर्तमान समय में मनुष्य स्वयं के लाभ के लिए किसका सहारा लेता है? 

(i)अनैतिकता का

(II) झूठ का

(iii) भ्रम का

(iv) सभी प्रकार के छल-प्रपंच का

(ख) मानवीय व्यवहार का अत्यंत महत्त्वपूर्ण गुण किसे माना गया है?

(1) नैतिकता

(iii) सत्य बोलना

(iii) प्रगतिशीलता

(iv) निरंतरता

(ग) भावी अनैतिकता एवं अपराधों की नींव कहाँ से पड़ती है?

(1) बच्चे द्वारा झूठ बोलना आरंभ करने से

(ii) असामाजिक कार्यों में सहयोग देने से

(iii) बचपन में पारिवारिक परिवेश से मिले गलत मार्गदर्शन से

(iv) पाप कर्म में संलग्न रहने से

(घ) निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए।

1. आजकल लोग दूसरों को ही नैतिकता का उपदेश देना जानते हैं।

2. दैनिक जीवन में कभी-कभी असत्य बोलना भी पाप नहीं है।

3. झूठ बोलना चोरी नहीं, बल्कि एक प्रकार की कला है।

4. लगातार सत्य बोलने से सामाजिक स्तर गिरने लगता है।

गद्यांश के अनुसार कौन-सा/से कथन सही है/हैं?

(1) केवल 1

(iii) 2 और 3

(ii) केवल 2

(iv) 1 और 4

(ङ) सत्य बोलना एक आधारभूत सामाजिक मूल्य क्यों है?

(i) क्योंकि इससे अन्य सामाजिक मूल्य संबंधित. हैं

(ii) क्योंकि महापुरुषों ने इसे अधिक महत्त्व दिया है

(iv) क्योकि इसके द्वारा व्यक्ति की आवश्यकता पूर्ण होती है

(च)निम्नलिखित में से किससे समाज के सदस्यों के बीच किसी तरह के भ्रम या अनिश्चय की स्थिति नहीं रहती है?

(1) छल-कपट करने से

(ii) झूठ बोलने से

(iii) सत्य बोलने से

(iv) अपराध न करने से

(छ) किसके परिणामस्वरूप समाज एवं दूसरे सदस्यों को क्षति होती है?

(1) झूठ के

(ii) सत्य के

(iii) वास्तविकता के

(iv) नकारात्मक व्यवहार के

( ज) निम्नलिखित में से कौन-सा कथन 'झूठ' के संदर्भ में असत्य है?

(i) यह व्यक्तिगत तथा सामाजिक दुर्गुण है।

(ii) यह लोगों को वास्तविकता से दूर रखता है।

(iii) इसमें तथ्यों को स्पष्ट किया जाता है।

(iv) यह व्यक्ति और सामाजिक दोनों स्तरों पर नुकसानदायी है

( झ) 'झूठ बोलने से बड़ा कोई पाप नहीं है', ऐसा कहने का क्या कारण हो सकता है?

(1) झूठ व्यक्ति अपने हित के लिए बोलता है

(ii) झूठ सामाजिक बुराइयों को जड़ से समाप्त करता है

(iii) झूठ हमें दिग्भ्रमित करके वांछित कर्त्तव्यों से वंचित रखत

(iv) झूठ का वास्तविकता से पर्दा हटाया जा सकता है

(ञ) प्रस्तुत गद्यांश किस विषयवस्तु पर आधारित है?

(1) सच और झूठ के प्रभाव पर

(ii) झूठ बोलने की आदत पर

(iii) नकारात्मक विचारों के समामेलन पर

(iv) सत्य के प्रभाव पर

2. निम्नलिखित पद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़िए।  (1x5=5)

यह हार एक विराम है, जीवन महासंग्राम है,

 तिल-तिल मिदूँगा पर दया की भीख मैं लूँगा नहीं।

वरदान मागूँगा नहीं।

क्या हार में क्या जीत में, किंचित नहीं भयभीत मैं, 

संघर्ष पथ पर जो मिले वह भी सही, यह भी सही।

वरदान मागूँगा नहीं।

 लघुता न मेरी अब छुओ, तुम हो महान्, बने रहो,

 अपने हृदय की वेदना मैं व्यर्थ त्यागूँगा नहीं।

 वरदान मागूँगा नहीं।

 चाहे हृदय को ताप दो, चाहे मुझे अभिशाप दो,

 कुछ भी करो कर्त्तव्य-पथ से किंतु भागूँगा नहीं।

 वरदान मागूँगा नहीं।

क) पद्यांश में कवि ने हार किसे माना है?

(i) त्याग को

(ii) विराम को

(iii) वरदान को

(iv) अभिशाप को

(ख) कवि ने हार और जीत के माध्यम से क्या बताने का प्रयास किया है?

(i) जीवन के पथ पर हार-जीत जो भी मिले उसे सहर्ष स्वीकार कर लेना चाहिए

(ii) जीवन में हार से भयभीत हो जाना चाहिए

(iii) जीवन में जीत पर अधिक प्रसन्न नहीं होना चाहिए

(iv)जीवन पथ पर हार निश्चित है

(ग) कर्त्तव्य की राह पर चलते हुए कवि क्या संकल्प धारण करता है?

(i) इस मार्ग में कष्ट आने पर वह अपना मार्ग बदल लेग

(ii) इस मार्ग में चाहे कितने ही कष्ट आए, वह इस मार्ग से भागेगा नहीं

(iii) इस मार्ग में असफलता मिलने पर वह दूसरे मार्ग की खोज करेगा

(iv) इस मार्ग पर चलकर वह सफल अवश्य होगा

(घ) कवि संघर्ष के मार्ग में किसे स्वीकार करने की बात कर रहा है?

(i) हार को

(ii) जीत को

(iii) हार या जीत में जो भी प्राप्त हो

(iv) अपने निर्धारित लक्ष्य को

   कार्यालयी हिंदी और रचनात्मक लेखन

3. निम्नलिखित में से निर्देशानुसार विकल्पों का चयन कीजिए।

(क) जनसंचार का मुख्य कार्य क्या है?

(1) सूचना संग्रह एवं प्रसार करना

(ii) सूचना का विश्लेषण करना

(iii) ज्ञान के स्तर में वृद्धि करना

(iv) ये सभी

(ख) सर्वप्रथम किस सदी में रेडियो के विकास की शुरुआत हुई?

(i) 17वीं सदी

(ii) 18वीं सदी

(iii) 19वीं सदी

(iv) 20वीं सदी

(ग) रेडियो नाटक के दृश्य कैसे होने चाहिए?

(i) छोटे

(ii) लंबे

(iii) बड़े

(iv) विस्तृत

(घ) निम्न में से कौन-सा टीवी खबरों का चरण नहीं है?

(i) एंकर बाइट

(ii) लाइव

(iii) फ्लैश

(iv) डेस्क

(ङ) निम्न में से किस रिपोर्ट का प्रयोग भ्रष्टाचार व गड़बड़ियों को उजागर करने में किया जाता है?

(i) विश्लेषणात्मक रिपोर्ट

(ii) खोजी रिपोर्ट

(iii) विवरणात्मक रिपोर्ट

(iv) इन-डेप्थ रिपोर्ट

                    पाठ्य-पुस्तक

4. निम्नलिखित गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़िए।   (1×5=5)

दोनों ही लड़के राज-दरबार के भावी पहलवान घोषित हो चुके थे। अतः दोनों का भरण-पोषण दरबार से ही हो रहा था। प्रतिदिन प्रातःकाल पहलवान स्वयं ढोलक बजा-बजाकर दोनों से कसरत करवाता। दोपहर में, लेटे-लेटे दोनों को सांसारिक ज्ञान की भी शिक्षा देता - "समझे! बोलक की आवाज़ पर पूरा ध्यान देना। हाँ, मेरा गुरु कोई पहलवान नहीं, यही बोल है, समझे। बोल की आवाज़ के प्रताप से ही मैं पहलवान हुआ। दंगल में उतरकर सबसे पहले बोलों को प्रणाम करना, समझे!"... ऐसी ही बहुत-सी बातें वह कहा करता। फिर मालिक को कैसे खुश रखा जाता है, कब कैसा व्यवहार करना चाहिए, आदि की शिक्षा वह नित्य दिया करता था।

निम्नलिखित में से निर्देशानुसार विकल्पों का चयन कीजिए।

(क) राजदरबार का भावी पहलवान किसे घोषित किया जा चुका था?

(i) लुट्टन सिंह को

(ii) चाँदसिंह को

(iii) बादल सिंह को

(iv) लुट्टन पहलवान के दोनों लड़कों को

(ख) पहलवान के बेटों का भरण-पोषण राजदरबार से होने का क्या कारण था?

(i) उनके पिता का दरबारी पहलवान होना

(ii) जनता की इच्छाशक्ति

(iii) समाज के उच्च अधिकारी के पुत्र होना

(iv) राजा का विशेष लगाव

(ग) पहलवान अपने बेटों को क्या शिक्षा देता था?

(I)स्वामी-भक्ति की

(ii) पहलवानी की

(iii) ढोलक का सम्मान करने की

(iv) ये सभी

(घ) राजा साहब ने पहलवान को दरबार में किस कारण से रखा?

(i) शेर के बच्चे चाँद सिंह को धूल चटाने के कारण

(ii) उसके ढोलक बजाने के ढंग से प्रभावित होने के कारण

(iii) लोगों द्वारा आग्रह करने के कारण

(iv) अपने सैनिकों को पहलवानी सिखाने के कारण

(ङ) गाँवों से अखाड़े समाप्त होते जाने का क्या कारण हो सकता है?

(1) राजदरबारों में पहलवानी की उपेक्षा करना

(ii)समाज के लोगों द्वारा इसकी उपेक्षा करना

(iii) मनोरंजन के अन्य साधन तलाशना

(iv) ये सभी

6. सेवक-धर्म में हनुमान जी से स्पर्द्धा करने वाली भक्तिन किसी अंजना की पुत्री न होकर एक अनामधन्या गोपालिका की कन्या है-नाम है लछमिन अर्थात् लक्ष्मी, पर जैसे मेरे नाम की विशालता मेरे लिए दुर्बह है, वैसे ही लक्ष्मी की समृद्धि भक्तिन के कपाल की कुंचित रेखाओं में नहीं बंध सकी। वैसे तो जीवन में प्रायः सभी को अपने-अपने नाम का विरोधाभास लेकर जीना पड़ता है, पर भक्तिन बहुत समझदार है, क्योंकि वह अपना समृद्धि-सूचक नाम किसी को बताती नहीं।

केवल जब नौकरी की खोज में आई थी, तब ईमानदारी का परिचय देने के लिए उसने शेष इतिवृत्त के साथ यह भी बता दिया, पर इस प्रार्थना के साथ कि मैं कभी नाम का उपयोग न करूँ। उपनाम रखने की प्रतिभा होती, तो मैं सबसे पहले उसका प्रयोग अपने ऊपर करती, इस तथ्य को वह देहातिन क्या जाने, इसी से जब मैंने कंठी माला देखकर उसका नया नामकरण किया तब वह भक्तिन-जैसे कवित्वहीन नाम को पाकर भी गद्गद हो उठी।

(क) प्रस्तुत गद्यांश में हनुमान जी का नाम किस प्रसंग में उद्धृत हुआ है?

(i) भक्तिन का महादेवी जी के प्रति सेवा-भाव दर्शाने के लिए

(ii) महादेवी जी के प्रति उसकी भक्ति-भावना दर्शाने के लिए

(iii) महादेवी जी के प्रति उसकी श्रद्धा-भावना दर्शाने के लिए

(iv) महादेवी जी के प्रति उसकी कर्त्तव्यपरायणता दर्शाने के लिए

(ख) भक्तिन द्वारा अपना वास्तविक नाम लोगों को न बताए जाने का सबसे प्रमुख कारण था

(i) वास्तविक नाम के अर्थ और उसके जीवन के यथार्थ में विरोधाभास

(ii) वास्तविक नाम बताने से लोगों के बीच उपहास बनने का भय

(iii) वास्तविक नाम के अनुरूप भक्तिन में रूप-सौंदर्य का अभाव

(iv) वास्तविक नाम के अनुरूप अपने भीतर गुणों का अभाव

(ग ) महादेवी जी ने लक्ष्मी का 'भक्तिन' नाम किस आधार पर रखा?

(i) भक्तों की तरह उसकी सादगीपूर्ण वेशभूषा के आधार पर 

(ii) गले में धारण की जाने वाली कंठीमाला के आधार पर

(iii) अपने प्रति उसके सेवा-समर्पण भाव के आधार पर

(iv) अपने दुबले-पतले शरीर और छोटे कद के आधार पर

(घ) 'भक्तिन बहुत समझदार है।' - इस कथन के पक्ष में।महादेवी जी द्वारा दिया गया तर्क है

(i) वह घर और खेत-खलिहानों के कार्यों में निपुण है

(ii) उसने अपने जीवन के इतिवृत्त को महादेवी जी को बंता दिया

(iii) वह अपना समृद्धि-सूचक नाम किसी को नहीं बताती

(iv) वह अपने वास्तविक नाम का उपयोग कभी नहीं करना चाहती

(ङ) एक सेविका के रूप में काम करने से पूर्व अपने विषय में पूरी जानकारी देना, भक्तिन के चरित्र की किस विशेषता को दर्शाता है?(i) स्पष्टवक्ता

(ii)विनम्रता

(iii) ईमानदारी

(iv) स्वाभिमान

                पूरक पाठ्य-पुस्तक

6. निम्नलिखित प्रश्नों में निर्देशानुसार विकल्पों का चयन कीजिए।

(1x10=10)

(क) यशोधर बाबू ने नौकरी के अतिरिक्त अन्य तरीकों से धन कमाने की कभी नही सोची' क्यों? सिल्वर वैडिंग' कहानी के आधार पर सही विकल्प चुनिए!

(1) नौकरी चली न जाए इस डर के कारण

(ii)दूसरों की नजरों में अच्छा बनने के कारण

(iii) अपने दृढ़ जीवन मूल्यों के आधार पर चलने के कारण

(iv) अपने मित्र की संगति के कारण

(ख) यशोधर बाबू के बच्चे अपने पिता की किस बात पर खिन्न रहते हैं?

(1) सिद्धान्त के कारण अपने कोटे का फ्लैट न लेने की बात पर

(ii) उनके सामाजिक न होने की बात पर

(iii) केवल अपने विषय में सोचने की बात पर

(iv) परिवार का ध्यान न रखने की बात पर

ग) किशन दा यशोधर बाबू को रोज सुबह जल्दी किस कारण उठाते थे?

(i) घर का काम करने के लिए

(ii)सुबह जल्दी उठने की आदत डालने के लिए

(iii)पढ़ाई-लिखाई करने के लिए

(iv) ध्यान और योग करने के लिए

(घ) 'जूझ' कहानी में लेखक के दादा के चरित्र की विशेषता क्या है?

(1) वे लेखक की प्रगति में बाधक है

(ii) वे अपनी पत्नी से लड़ाई-झगड़ा नहीं करते

(iii)वे राव साहब का सम्मान करते हैं

(iv) ये सभी

( ङ) 'जूस' का लेखक खेती का काम क्यों नहीं करना चाहता है?

(1) वह इस सत्य को जान गया था कि खेती से जीवनभर कुछ हाथ नहीं आएगा

(ii) वह अपने पिता की बात नहीं मानना चाहता है

(iii) वह अत्यधिक परिश्रम नहीं करना चाहता है

(iv) वह खेती को तुच्छ समझता है

(च) लेखक ने सिंधु सभ्यता को जल संस्कृति किस आधार पर कहा है?

(1) उस समय अधिक वर्षा होने के कारण

(ii) नदी, कुएँ, कुण्ड, स्नानागार और बेजोड़ जल निकासी के कारण

(iii) केवल नदियों के किनारे बसी होने के कारण

(iv) जल की बर्बादी को रोकने के कारण

(छ) "मुअनजोदड़ो में मिले कुण्ड की बनावट ही इसके अनुष्ठानिक प्रयोग का प्रमाण माना जाता हैं" इस कथन से क्या तात्पर्य है? 

(1) कुण्ड का उपयोग पवित्र या अनुष्ठानिक रूप में किया जाता होगा

(ii) कुण्ड की बनावट के विषय में कोई जानकारी उपलब्ध नहीं

(iii) कुण्ड एक धर्म विशेष का द्योतक न होकर सम्पूर्ण समाज का रूप है

(iv) कुण्ड केवल उच्च वर्ग के प्रयोग हेतु था

(ज) 'अतीत के दबे पाँव' में लेखक ने किसका वर्णन किया है?

(1) इतिहास के अनछुरे पक्षों का

(ii)इतिहासकारों की सोच व विचार शक्ति का

(iii) पौराणिक स्मृतियों के अध्ययन का

(iv) सिंधु घाटी की सभ्यता का

(झ) मुअनजोदड़ो में स्थित अजायबघर को किसके समान बताया गया है?

(i) कस्बाई स्कूल की इमारत के समान

(ii)संपन्न बस्ती के समान

(iii) मुर्दों के टीले के समान

(iv) नियोजित व्यवस्था के समान

(ञ) सिंधु घाटी की सभ्यता की सबसे सुंदर व्यवस्था क्या थी? 'अतीत के दबे पाँव' पाठ के आधार पर सही विकल्प चुनिष्ट।

(i) वह समाज को विकसित करने के लिए कार्य करती थी

(ii) डायरी लिखकर

(ii) वह काम को अधिक महत्त्व देती थी

(iv) घर के कामों में हाथ बंटाकर

 खंड 'ब' वर्णनात्मक प्रश्न

 (40 अंक) 

कार्यालयी हिंदी और रचनात्मक लेखन

7 . निम्नलिखित में से किसी एक विषय पर लगभग 120 शब्दों में रचनात्मक लेख लिखिए।

(क) एक ऐसी घटना, जिससे आपको जीवन का अमूल्य सबक मिला हो

(ख) अपने मित्र की किसी एक बुरी आदत का वर्णन

(ग) अपने माता-पिता से आपकी आशाएँ

(घ) स्वच्छता-एक अनिवार्य कदम

8. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लगभग 60 शब्दों में लिखिए।(3 X 2 =6)

(क) कहानी और नाटक में कथावस्तु का क्या महत्त्व है?

अथवा

कहानी को नाटक में रूपांतरित करते समय दृश्यों की भूमिका बताइए।

(ख) रेडियो नाटक की कहानी चुनते समय किन बातों का ध्यान रखना आवश्यक है?

अथवा

रेडियो नाटक में ध्वनि प्रभाव के महत्त्व को स्पष्ट कीजिए।

9. निम्नलिखित प्रश्नों में से किन्हीं दो के उत्तर लगभग 80 शब्दों में लिखिए। (4 x 2 =8)

(क) भारत में वन्य जीव संरक्षण के उपायों पर एक आलेख लिखिए।

अथवा

लॉकडाउन के कारण बढ़ी बेरोजगारी विषय पर एक फ़ीचर लिखिए।

(ख) समाचार कैसे लिखे जाते हैं? स्पष्ट कीजिए।

अथवा

समाचार लेखन की उल्टा पिरामिड शैली पर टिप्पणी कीजिए।

(ग) रेडियो के लिए समाचार लेखन संबंधी बुनियादी बातों पर टिप्पणी लिखिए।

अथवा

विचारपरक लेखन कौन-कौन से होते हैं? सभी पर संक्षिप्त रूप से टिप्पणी लिखिए।

पाठ्य-पुस्तक

10. निम्नलिखित प्रश्नों में से किन्हीं 10 प्रश्नों के उत्तर लगभग 60 शब्दों में लिखिए।(2 X 10 =20)

1. भक्तिन के आ जाने से महादेवी अधिक देहाती कैसे हो गई?

2. बाज़ार का जादू चढ़ने और उतरने पर मनुष्य पर क्या क्या असर पड़ता है?

3. गाँव में महामारी फैलने और अपने बेटों के देहांत के बावजूद लुट्टन पहलवान ढोल क्यों बजाता रहा?

4. गाँव में महामारी फैलने और अपने बेटों के देहांत के बावजूद लुट्टन पहलवान के ढोल बजाते रहने का मर्म स्पष्ट कीजिए।

5. कोमल और कठोर दोनों भाव किस प्रकार गांधीजी की विशेषता बन गए?

6. जाति-प्रथा को श्रम विभाजन का ही एक रूप न मानने के पीछे डॉ. आंबेडकर के तर्कों का उल्लेख कीजिए।

7. सिल्वर वैडिंग' वर्तमान युग में बदलते जीवन-मूल्यों की कहानी है", सोदाहरण सिद्ध कीजिए।

8. बशीधर बाबू के व्यक्तित्व की प्रमुख विशेषताओं पर सोदाहरण प्रकाश डालिए?

9. जूझ' कहानी के लेखक के जीवन-संघर्ष के उन बिंदुओं पर प्रकाश डालिए, जो हमारे लिए प्रेरणादायक हैं।

10. कैसे कहा जा सकता है 'सिंधु सभ्यता आडंबर विहीन सभ्यता थी'? उदाहरण सहित 'अतीत में दबे पाँव' के आधार पर स्पष्ट कीजिए।

11. बाज़ार के जादू का प्रभाव समाप्त हो जाने पर ग्राहक की दशा कैसी हो जाती है तथा उसे क्या बोध होता है? स्पष्ट कीजिए। (

12. पहलवान लुट्टन सिंह को राजा साहब की कृपा दृष्टि कब प्राप्त हुई?

Smita

I am a teacher/principal , spreading knowledge since 10 years. This is another attempt to spread some inspiration and motivation to the world! I hope you like these important notes for exams :)

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